पुरातत्वविदों ने मिस्र में एक बड़ी चट्टान के नीचे छिपे एक प्राचीन मंदिर की खोज की है। माना जा रहा है कि यह मंदिर करीब 2,100 साल पुराना है। मिस्र के लक्सर शहर से 200 किलोमीटर उत्तर में अथरीबिस में इसकी खोज की गई है। शोधकर्ताओं की टीम ने बताया है कि पत्थरों से बने इस मंदिर की खुदाई करते समय उन्हें राजा टॉलेमी अष्टम (शासनकाल करीब 170 से 116 ईसा पूर्व) और उनके बेटे कोलांथेस के अवशेष मिले हैं, जो शेर के सिर वाली देवी रेपिट को बलि चढ़ा रहे थे।
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह मंदिर रेपिट को समर्पित रहा होगा, जो मिन-रा की पत्नी हैं और उन्हें प्रजनन क्षमता से जुड़ी देवी माना जाता है। इस इमारत के अंदर एक कक्ष भी मिला है, जिसमें कभी मंदिर के बर्तन और बाद में एम्फ़ोरा यानी दो हैंडल और पतली गर्दन वाले मिट्टी के बर्तन रखे जाते थे। हालांकि, टीम अभी तक इस इमारत का नाम पता नहीं लगा पाई है।
मिस्र की यह खोज क्यों खास है
अथरीबिस स्थल से 2,100 साल पुराने मंदिर की खोज टॉलेमिक युग के दौरान प्राचीन मिस्र की धार्मिक प्रथाओं को उजागर करती है। शोधकर्ताओं को इस आकर्षक स्थल और इसके इतिहास के बारे में और अधिक जानने की उम्मीद है। यह खोज मिस्र के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय के सहयोग से की गई है। आधुनिक शहर सोहाग के पास स्थित अथरीबिस स्थल पर पुरातत्वविदों द्वारा 2012 से खुदाई की जा रही है। इस विशेष मंदिर को उजागर करने का काम 2022 में शुरू हुआ, जो इस स्थल की चल रही खोज का नवीनतम चरण है।
शोध दल का कहना है कि उन्हें मंदिर की दीवारों पर रेपिट और मिन-रा की जटिल नक्काशी मिली है। प्रवेश द्वार के बाहरी हिस्से और भीतरी दीवारों पर चित्रलिपि शिलालेख और जटिल नक्काशी हैं। शिलालेखों से संकेत मिलता है कि तोरण का निर्माण दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में टॉलेमी VIII के शासनकाल के दौरान किया गया था।
पुरातत्वविद प्रोफेसर क्रिश्चियन लीट्ज़ और मार्कस मुलर का कहना है कि मंदिर का प्रवेश द्वार, एक विशाल चट्टान में खुदा हुआ है, ऐसा माना जाता है कि यह उसके पीछे मलबे के ढेर के नीचे है। एक दूसरा दरवाज़ा मिला है जो पहले अज्ञात सीढ़ी की ओर जाता है। कम से कम चार मंजिलों वाली यह सीढ़ी कभी ऊपरी मंजिल तक जाती थी, जो अब नष्ट हो चुकी है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ भंडारण कक्ष भी थे।